बीरबल की समझदारी की कहानी, Akbar birbal kahani in hindi

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Akbar birbal kahani in hindi | Akbar birbal ki kahani

Akbar birbal kahani in hindi, अकबर का दरबार लगा हुआ था तभी उस दरबार में कुछ सैनिक एक आदमी को पकड़ कर लाए और अकबर से कहने लगे कि यह वह आदमी है जो हर रोज चोरियां करता है आज हमने पकड़ लिया है “अकबर” ने उस आदमी से पूछा कि तुम चोरी क्यों करते हो उस आदमी ने कहा कि मैंने चोरी नहीं की है

बीरबल की समझदारी की कहानी :- Akbar birbal kahani in hindi

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akbar birbal kahani in hindi

मुझे तो सैनिकों ने ऐसे ही पकड़ लिया है तभी सैनिकों ने कहा कि जिस घर में चोरी हुई है उस घर में इस आदमी की चप्पल मिली है जिसके आधार पर हम पकड़कर लेकर आएं हैं “अकबर” ने कहा कि अब तुम्हारी चोरी का हमारे पास सबूत है इसलिए कल तुम्हें सजा मिलेगी उस आदमी को कैद कर लिया गया “बीरबल” ने जब यह देखा तो उसे यकीन नहीं हो रहा था क्योंकि वह आदमी सच बोल रहा था

अकबर बीरबल की कहानी

Because “बीरबल” को ऐसा लग रहा है कि इस आदमी के साथ कुछ गलत हो रहा है वह चोर नहीं हो सकता है इसलिए “बीरबल” उस आदमी से मिलने के लिए गए बीरबल ने पूछा कि क्या तुमने चोरी की है उस आदमी ने कहा कि मैंने चोरी नहीं की है but इन्हें जो चप्पल मिली है वह मेरी चप्पल है कल रात मेरे घर के बाहर से किसी ने चोरी कर ली थी इसी आधार पर वह मुझे चोर बता रहे हैं

 

“बीरबल” ने कहा है कि तुम्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है मैं असली चोर को पकड़ कर लेकर आऊंगा और तुम्हें मैं आजाद करवा दूंगा बीरबल के सामने यह समस्या थी कि चोरी करने वाला कौन हो सकता है क्योंकि चोरी तो हो रही है “बीरबल” उस रात वेशभूषा बदलकर नगर में घूम रहे थे तभी उन्होंने देखा कि एक छत पर एक आदमी चढ़ रहा है इसलिए बीरबल उसका इंतजार नीचे करने लगे जब कुछ देर बाद वह चोर चोरी करके आ रहा था

अकबर का नया सवाल

तो “बीरबल” ने उसे पकड़ लिया बीरबल उसे पकड़कर दरबार ले गए और “अकबर” के सामने कहा कि उस आदमी को छोड़ दीजिए वह बेकसूर है यही असली चोर है चोर ने अपने आप ही कहा कि मैंने उसको फसाने के लिए वहां पर चप्पल रखी थी akbar ने असली चोर को बंद कर दिया और उस आदमी को बाहर छोड़ दिया इस तरह बीरबल की समझदारी से उस आदमी की जान बच गई.

 

अकबर की नाराजगी की कहानी :- Akbar birbal kahani in hindi 

एक बार की बात है “अकबर” ने देखा की बीरबल अपने घर पर नहीं है, इसलिए वह नाराज हो जाते है, वह सैनिक से कहते है अगर “बीरबल” घर पर ए तो बता देना की अकबर यहां पर आये थे, तुम्हे यहां पर न पाकर नाराज होकर चले गए है वह सैनिक वही पर रहता है, क्योकि “अकबर” का पैगाम बीरबल को देना था, बीरबल रात के समय में घर आते है, वह देखते है, की सैनिक उनके घर के पास खड़ा है, वह सैनिक सब कुछ बता देता है,

उसने की एक रोटी की मदद

“बीरबल” कहते है, ठीक है, अब मुझे पता चल गया है, इसलिए राजा अकबर से कहना की हम सुबह आते है, यह बात सुनकर वह सैनिक अकबर के पास जाता है, सब कुछ बता देता है, “अकबर” अब बहुत गुस्से में आ गए थे, वह सोच रहे थे जब भी बीरबल यहां पर आएंगे उन्हें सजा मिल सकती है, अगली सुबह “बीरबल” महल में जाते है अकबर को तो पहले से बहुत गुस्सा आ रहा था, वह “बीरबल” से कहते है, की तुम्हे सजा मिलेगी क्योकि तुम हमारे बुलाने पर भी नहीं आये थे, बीरबल कहते है, की आप सजा देने से पहले मेरी बात सुन सकते है, ऐसा मेने क्यों किया है

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“अकबर” कहते है की ठीक है तुम हमे कह सकते हो, “बीरबल” कहते है की हम रानी के कहने पर गए थे, उन्होंने हमे किसी काम से भेजा था जब हम घर ए तो रानी ने कहा था की उसके बाद हमसे मिलने आना है इसलिए हम नहीं आ सकते है, अब “अकबर” समझ गए थे, यह सब कुछ रानी की वजह से हुआ था, अब “बीरबल” को सजा नहीं दे सकते है बीरबल कहते है आप हमे कोई भी सजा दे सकते है अकबर कहते है आपको सजा नहीं मिल सकती है, बीरबल जानते है, की यह सब कुछ कैसे हो गया है

 

अकबर और बीरबल और गरीब आदमी :- Akbar birbal ki kahani

दोनों घूमते हुए जंगल की और चले जाते है तभी उनकी नज़र एक आदमी पर जाती है वह आदमी जंगल में लकड़ी काट रहा था वह बहुत दुखी लग रहा था शायद उसकी परेशानी काम से नज़र आ रही थी क्योकि वह काम करते हुए काफी दुखी लग रहा था बीरबल “अकबर” से कहते है की मुझे लगता है की वह आदमी कुछ परेशान है अकबर कहते है की उसे क्या परेशानी है हमे पता करना होगा तभी “बीरबल” कहते है की वह हमे नहीं बतायेगा जब तक हम अपनी वेशभूषा नहीं बदलते है,

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“अकबर” और “बीरबल” अपनी वेशभूषा बदल देते है उसके बाद उस आदमी के पास जाते है और कहते है की हमे रास्ता बता सकते है हमे दूसरे नगर में जाना है वह आदमी देखता है और कहता है की जिस नगर में आप जा रहे है वह यहां से बहुत दूर है और अभी तो शाम होने वाली है आप ऐसा कीजिये रात के समय में मेरे पास रुक जाईये कल सुबह आप जा सकते है Because रात को रास्ता भटक जाना आम बात है वह कहते है की ठीक है उसके बाद वह आदमी “अकबर” और “बीरबल” को अपने घर ले जाता है जब दोनों उस आदमी के घर जाते है

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तो देखते है की उसके घर में खाने को अधिक सामान नहीं है वह तो बहुत गरीब लग रहा है वह आदमी कहता है की मेरे पास खाने को ज्यादा कुछ नहीं है मेरी हालत आप समझ सकते है “अकबर” और “बीरबल” को उस पर दया आती है Because उसके पास कुछ भी नहीं है और वह हमे खाने को दे रहा है इससे अच्छा इंसान कौन हो सकता है जो हमे खाना दे रहा है जबकि उसके पास कुछ भी नहीं है अगली सुबह “अकबर” उसके लिए बहुत सारा धन छोड़कर जाते है

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“बीरबल” कहते है की आप बहुत अच्छे राजा है जो की सभी का ख्याल रखते है अकबर कहते है की मेरे राज्य में किसी की हालत ऐसी होगी मुझे पता नहीं है अब उसकी हालत अच्छी हो जाएगी अगर आपको यह akbar birbal kahani in hindi, akbar birbal ki kahani, पसंद आयी है तो शेयर जरूर करे

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