एक समझदारी की कहानी, Story in hindi

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Story in hindi | Hindi story

Story in hindi, सूरज ने अपनी दुकान किराए पर दे रखी थी सूरज की उम्र बहुत ज्यादा हो गई थी और उसकी पत्नी अक्सर बीमार ही रहते थे उसकी पत्नी की बीमारी में बहुत से पैसे खर्च हो गए थे सूरज इतनी आमदनी नहीं थी कि वह उसके लिए बहुत कुछ कर पाए इसलिए सूरज ने सोचा कि अपनी दुकान किराए पर दे देता हूं

एक समझदारी की कहानी :- Story in hindi

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Story in hindi

जिससे हमारा कुछ गुजारा हो जाएगा सूरज ने जितना पैसा जोड़ा था उससे ज्यादा तो बीमारी में खर्च हो गया था सूरज धीरे-धीरे परेशान रहने लगा क्योंकि उसकी पत्नी ज्यादा ठीक नहीं रह पाती थी सूरज यही चाहता था कि उसकी पत्नी बहुत जल्दी ठीक हो जाए जिससे वह और भी जीवन अच्छे से जी पाए लेकिन ऐसा लग नहीं रहा था क्योंकि बीमारी ठीक होने का नाम ही नहीं ले रही थी

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सूरज ने अपनी दुकान रमेश को दे रखी थी रमेश भी सूरज के ना होने पर उसकी पत्नी के लिए दवाई लेकर आता था रमेश सूरज को बहुत मानता था क्योंकि रमेश से सूरज बहुत बड़ा था उम्र भी सूरज की बहुत ज्यादा हो गई थी 1 दिन सूरज की दी हुई दुकान में चोरी हो गई रमेश जब अगली सुबह अपनी दुकान खोलने के लिए आया तो उसने देखा कि दुकान में चोरी हो गई है

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सूरज को इस बात का बिल्कुल भी पता नहीं था क्योंकि वह तो पूरे दिन अपनी पत्नी की तबीयत देखने में और रात में भी उसे सोना मिलता था रमेश को ऐसा लग रहा था कि सूरज ने ही उसकी दुकान में चोरी करवाई थी इसलिए वह उस जगह को छोड़ कर जाना चाहता था

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Story in hindi, सूरज ने बहुत बार मना किया कि हमने ऐसा कुछ नहीं कहा लेकिन रमेश ने ऐसा ही समझ और उस जगह से चला गया कभी-कभी इंसान का गलत फैसले ले लिया करता है इसलिए हमेशा फैसलों को सोच समझकर ही लें इसी में ही असली समझदारी है.

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कभी-कभी हम अपने जीवन में ऐसा फैसला लेते हैं जिससे कि हमारे जीवन में आने वाली समस्याएं बहुत अधिक बढ़ जाती हैं और उसका परिणाम यह होता है कि हम अगर उस फैसले को समझदारी से लेते तो शायद हम उन सभी समस्याओं से बच सकते थे लेकिन हम बिना सोचे ही फैसले ले लेते हैं जिसके बाद हम अपने जीवन में समस्याओं को खड़ा हुआ पाते हैं

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मुकेश के पिताजी खेती करते थे और वह किसान थे

लेकिन मुकेश को खेती करना पसंद नहीं था मुकेश के पिताजी उसे हमेशा समझाया करते थे कि

अगर तुम खेत का काम नहीं समझ पाओगे

तो जीवन में कभी भी आगे नहीं बढ़ सकते और

तुम्हारे खाने की भी बहुत समस्या हो सकती है

आज मैं खेती कर रहा हूं लेकिन एक समय ऐसा आएगा

जिसके बाद में खेती नहीं कर पाऊंगा उस वक्त तुम क्या कर सकते हो

 

मुझे यह समझाना है कि हमारे पास खेती है और हमें खेत से ही अपने जीवन में आने वाली सभी सुविधाओं को पूरा करना होता है लेकिन मुकेश अपने पिताजी की बात नहीं सुन रहा था उसे ऐसा लग रहा था कि शायद खेती करना उसके लिए अच्छा नहीं होगा क्योंकि वह कुछ दोस्तों से बातें करता था जो की खेती करने के लिए मना करते थे

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वह कहते थे कि तुम्हें कोई व्यवसाय शुरू करना चाहिए जिससे कि बहुत अच्छी आमदनी हो सके लेकिन मुकेश के पिताजी इस बात के लिए राजी नहीं होते हैं वह मुकेश को समझाने की कोशिश करते हैं मगर मुकेश समझने को तैयार नहीं था मुकेश के पिताजी उसे कहते हैं कि अगर तुम आज बात को समझ जाते हो तो यह तुम्हारे लिए बहुत अच्छा होगा लेकिन जब समय भी जाएगा तो उसके बाद बात को समझने से भी कोई फायदा नहीं होगा

 

लेकिन मुकेश अपने पिताजी की बात नहीं मान रहा था क्योंकि वह जीवन में अपने आप को अधिक समझदार समझ रहा था और एक समय ऐसा आया कि उसके पिताजी की बहुत ज्यादा तबियत खराब होगी जिसकी वजह से खेती का काम पूरी तरह से बंद हो चुका था मुकेश के पिताजी अब खेती नहीं कर सकते थे क्योंकि वह बहुत अधिक बीमार पड़ गए थे उधर मुकेश खेत पर जाता जरूर था लेकिन वह कोई भी काम नहीं कर सकता था

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क्योंकि उसने खेत का काम बिल्कुल भी नहीं सीखा था जबकि उसके पिताजी से समझाए करते थे कि अगर तुम समय से यह काम कर सकते हो तो तुम्हें कोई परेशानी नहीं होगी लेकिन अब मुकेश के सामने बहुत अधिक समस्या गई थी खेत के काम से बिलकुल अनजान था मुकेश को बिल्कुल समझ आ गया था कि जीवन में उसके पिताजी उसे अच्छी तरह से समझाया करते थे

 

उनकी तबीयत खराब हो गई जिसकी वजह से आज मुकेश को काम करना पड़ रहा है अगर वह काम पहले से ही सीख लेता और अपनी समझदारी से काम लेता तो शायद आज इस काम को कर सकता था लेकिन पिताजी की तबीयत अचानक खराब हो जाने की वजह से वह बड़ी समस्या में आ गया है और उसके बाद अब उसे वह काम सीखना होगा जीवन में उस काम को सीखने से दूर भाग रहा था

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Story in hindi, लेकिन उसके पिता समझाते है कि हमारे पास खेती है और हमें लगता है कि यही हमारे जीवन में आगे बढ़ने की सीडी है उस दिन के बाद मुकेश ने अपने खेत में काम करना शुरू कर दिया तो उसके पिताजी उसकी मदद कर रहे थे और उसे समझा भी रहे थे कि तुम्हें यही काम करना होगा क्योंकि इससे अधिक हम कुछ नहीं कर सकते इस तरह मुकेश ने अपने खेत में काम करना सीख लिया था और अपने जीवन को अच्छा बना लिया था अगर हम अपनी समझदारी को सही समय पर प्रयोग करते हैं तो शायद हम जीवन में बहुत कुछ कर सकते हैं 

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