Achhikhabar hindi stories with moral, अच्छी खबर की एक हिंदी कहानी

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Achhikhabar hindi stories with moral

Achhikhabar hindi stories with moral, अच्छी खबर की एक हिंदी कहानी, मुझे तो यह भी याद नहीं है, की अच्छी खबर मुझे कब मिली थी, क्योकि जब से यहां पर आया हु मुझे अच्छी खबर नहीं मिल रही है, हर रोज एक अच्छे काम की तलाश में जाता हु but मुझे एक भी अच्छा काम नहीं मिलता है, जिससे मेरे घर में खुशिया आये, मगर मुझे नहीं लगता है, की कुछ भी होने वाला नहीं है, कुछ समय बाद दिवाली है, but जब धन की जरूरत होती है, वह धन मुझे नहीं मिलता है,

Achhikhabar hindi stories with moral :- अच्छी खबर की एक हिंदी कहानी

Achhikhabar hindi stories with moral
Achhikhabar hindi stories with moral

Achhikhabar hindi stories, मेरे पास भी अगर हर रोज काम आता रहता तो बहुत अच्छा होता, मगर मेरे लिए यह “अच्छी खबर” की मुझे बहुत अधिक धन मिल सकता है, पूरी नहीं होगी, अब तो जीवन में समस्या ही रहने वाली है, जिनके साथ मुझे आगे चलना है, वह बहुत परेशान रहने लगा था, उसे भगवान पर यकीन था, but शायद वह यकीन भी कमजोर होने लगा था, Because उसकी सहायता उसे नहीं मिल रही थी, उस आदमी का नाम भोलू था, वह किसी के कमा को मना नहीं करता था, जब भी कोई उसे काम बताया करता था, “भोलू” बहुत अच्छे से काम कर सकता था, मगर भोलू के पास धन नहीं था,

 

वह गांव के एक छोटे से घर में रहता था वह अकेला ही था, but भगवान पर उसका विश्वाश बहुत अधिक था, but वह इस बात को भी जानता था की पता नहीं कब भगवान उसकी मदद कर सकते है, भोलू की एक आदत थी, वह हमेशा मंदिर जाया करता था, वह हर रोज सुबह उठ जाता था, उसके बाद मंदिर जाता था, एक दिन भोलू मंदिर में पूजा कर रहा था, उस जगह पर एक सेठ आता है, वह पूजा करता है, but उसकी तबियत बहुत खराब हो जाती है, भोलू को जब वह सेठ नज़र आता है, वह उसकी मदद करता था,

 

वह सेठ भोलू को बताता है, वह किस जगह पर रहता है भोलू उसे घर लेकर जाता है “भोलू” उस सेठ का घर देखता है, वह घर बहुत बड़ा था, क्योकि सेठ बहुत अमीर था, कुछ समय बाद सेठ को आराम होता है, वह देखता है की भोलू उसके घर में सभी सामान को देखता है, सेठ समझ जाता है, शायद भोलू बहुत गरीब है, वह भोलू को आवाज लगाता है उससे सब कुछ पूछता है, भोलू उसे सब कुछ बता देता है, अब सेठ को लगता है, उसे मदद करनी चाहिए, सेठ उसे बहुत अधिक धन देता है,

 

but भोलू कहता है, मेने आपकी मदद धन के लिए नहीं की है, मुझे धन नहीं चाहिए, मगर सेठ नहीं मानता है वह उसे बहुत बड़ा घर देता है उसे कमा पर रखता है Because सेठ जानता है वह बहुत भोला है वह धन भी नहीं लेना चाहता है क्योकि शायद उसका मन बहुत अच्छा है, इसलिए सेठ उसकी मदद करता है, दिवाली आती है, “भोलू” को जो भी चाहिए था उसे मिल गया था, भोलू मंदिर जाता है भगवान से कहता है यह आपने ही किया है, क्योकि आपसे में बहुत कुछ मांगता था आपने ही सब कुछ दिया है,

 

कुछ समय बाद वह सेठ भी मंदिर आता है वह भोलू को देखता है वह कहता है तुम बहुत अच्छे हो, क्योकि तुम्हारा मन साफ़ है, तुम्हारे अंदर लालच नहीं है इसलिए भगवान ने तुम्हारी मदद के लिए मुझे भेजा था भगवान मदद करने के लिए किसी को भी भेज सकते है, अब भोलू को बात समझ आ गयी थी, भगवान सभी को देखते है उनके कर्म देखते है, उन्हें फल देते है, इसलिए भगवान की पूजा हमेशा करनी चाहिए क्योकि कोई नहीं जानता है की वह आपकी मदद किस जगह पर कर सकते है, अब भोलू को अच्छी खबर मिल गयी थी, अगर आपको यह Achhikhabar hindi stories with moral पसंद आयी है तो शेयर करे.

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