रेगिस्तान का सफर कहानी भाग चार, kahani hindi

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अब आप रेगिस्तान का सफर कहानी भाग चार (kahani hindi) पढ़ रहे है, अगर आपने अभी तक पहले कुछ भाग नहीं पढ़े तो आप इन्हे पढ़ सकते है, जिससे आपको इस कहानी के बारे में अच्छे से पता चल पायेगा,

रेगिस्तान का सफर कहानी भाग चार : kahani hindi

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रेगिस्तान का सफर रंकित नाम के लड़के से शरू होता है, हम यहां पर पहले कुछ कहानी का विस्तार बता देते है, जिससे आपको कहानी को समझने में परेशानी नहीं होगी, (Read More-रेगिस्तान का सफर कहानी भाग एक) रंकित जब सफर पर निकलता है तो वह अपने ताऊ के पास जाता है, जब वह अपने ताऊ जी के यहां पर जाता है तो अगले दिन अपने भाई साकेत के साथ बहार घूमने जाता है,

 

उसी वक़्त राजकुमारी की सवारी आती है और राजा के नियम के अनुसार कोई भी इस सवारी के बीच में नहीं आता है, लेकिन रंकित बीच में आ जाता है और सेनापति उसे पकड़ लेता है, रंकित को महल में बंद कर दिया जाता है जब इस बात का पता साकेत को चलता है तो वह महल में छुपकर जाता है और रंकित को बचा लता है, रंकित के महल से भागने पर सैनिक उसे ढूढ़ने के लिए चल पडते है, और अब आगे पढ़ते है,  

 

रांकित बार-बार महल में जाने की सोच रहा था मगर साकेत यही कहता था की तुम्हे ऐसा नहीं करना चाहिए क्योकि यह बहुत ही खतरनाक हो सकता है, मगर रंकित बात को नहीं मान रहा था, खेर अब क्या किया जा सकता था साकेत ने कहा की इस बारे में पिताजी को पता नहीं चलना चाहिए अगर पता चल गया तो तुम्हे पता है क्या होगा,

अनमोल विचार की कहानी

रंकित महल में जाने की तरकीब खोज रहा था तभी साकेत ने कहा की हम उस तरह की तरकीब का प्रयोग कर सकते है, जिस तरह हम वापिस आये थे ऐसा सोचते हुए जब वह नदी के किनारे पहुंचे तो उन्हें कुछ लोग वहा पर दिखाई दिए थे वह कौन हो सकते है यह जानने के रंकित और साकेत उनके पास गए और छुपकर उनकी बाते सुनने लगे थे,

 

जब उनकी बाते सुनी तो पता चला की यह दूसरे राज्य के राजा के गुप्तचर है जो पता करने आये है, वह बाते कर रहे थे की अगर हमे यह राज्य चाहिए तो इस राज्य के राजा को मजबूर करना होगा, इसके लिए हमे राजकुमारी को पकड़ना होगा, तभी राजा हमारी बात मानेगे, उस राजकुमारी की सवारी हर दूसरे दी जब वह घूमने जाती है तभी हम सब उसे पकड़ सकते है

अच्छे स्वभाव की कहानी

उस समय ज्यादा सैनिक भी नहीं होते है, यह सुनकर रंकित और साकेत भी बहुत परेशान हो गए थे, साकेत ने बताया की वह राजा अगर हम पर राज करेगा तो हमारे पास कुछ भी नहीं होगा, क्योकि वह राजा अच्छा नहीं है, हमारा राजा परेशान तो करता है मगर वह हमारे लिए बहुत कुछ करता था भी है, इसलिए हमे अपना राजा पसंद है, रांकित ने कहा की हमे कुछ करना होगा,

 

साकेत ने कहा की अगर हम राजा को बता देते है तो इससे भी कुछ फायदा होगा, रंकित ने कहा की अगर राजा ने विश्वास नहीं किया तो कुछ भी नहीं होगा, और यह भी हो सकता है, की राजा तुम्हे पकड़ ले, यह तरकीब अच्छी नहीं होगी, हमे इन पर नज़र रखनी होगी, तभी हम कुछ कर पाएंगे, साकेत और रंकित अब उस समय का इंतज़ार करने लगे जब राजकुमारी आने वाली थी, 

बहादुरी की कहानी

तभी उसी और साकेत की पिताजी वही पर आ रहे थे और उन्होंने उन्हें देखा और पूछा की तुम यहां पर क्या कर रहे हो, तुम्हे तो घर पर होना चाहिए पिताजी की बात मानकर वह दोनों घर की और जाने लगे थे, तभी सामने से राजकुमारी की सवारी आती हुई दिखाई दी थी, उसके बाद वह दोनों वही पर छुप गए थे, अब वह कुछ भी नहीं कर सकते थे, क्योकि पिताजी भी वही पर थे,

 

जैसा की वह सब बाते कर रहे थे राजकुमारी की सवारी पर हमला करके उन्होंने ने राजकुमारी को पकड़ लिया गया और एक सन्देश वही पर छोड़कर चले गए थे, वह संदेश रांकित ने उठाया और राजा के पास जाने के लिए सोचा मगर साकेत ने कहा की ऐसा नहीं करना चाहिए राजा हमे पकड़ भी सकता है, रंकित ने कहा की हमने कुछ नहीं किया था,

भलाई कौन करेगा कहानी

वह संदेश लेकर रंकित राजा के महल गया और सेनापति ने रंकित को पहचान लिया था, साकेत भी साथ में अंदर गया और राजा को सारी बात बता दी, की राजकुमारी को पकड़ लिया गया है और यह संदेश आपके लिए छोड़ा है राजा ने जब यह पढ़ा तो सोच में पढ़ गए थे, उस संदेश में लिखा था की राजकुमारी को जभी छोड़ा जाएगा जब वह राज्य हमे दिया जाएगा, सेनापति वहा पर आया और राजा से कहा की यह वह व्यक्ति है जो हमारी कैद से भाग गया था,

 

राजा ने इस बात की कोई चिंता नहीं की थी क्योकि इससे बड़ी मुसीबत राज्य पर आने वाली थी, राजा बहुत परेशान था तभी रंकित ने कहा की में राजकुमारी को वहा से ला सकता हु, राजा ने पूछा की तुम यह कैसे कर सकते हो, रंकित ने कहा की हम यह कर सकते है, राजा को उम्मीद की किरण दिखाई दी और कहा की अगर तुम यह कर सकते हो तो जो भी चाहो तुम्हे मिलेगा,  

अपने मन की बात की कहानी

रंकित और साकेत राजकुमारी को बचने के लिए निकल पडते है, और जिस जगह पर घोड़ो के निशान थे वही पर चलते है साकेत बात करता है की अगर हम पकडे गए तो रंकित कहता है की क्या हम अपने राजा के लिए कुछ भी नहीं कर सकते है, इस बात को सुनकर साकेत चुप हो गया था, तभी वह उस राज्य में पहुंच गए थे,

एक अभिमानी की कहानी

लेकिन यह कैसे पता चले की राजकुमारी कहा पर है, तभी उन दोनों ने कुछ लोगो से पूछा की राजकुमारी कहा पर हो सकती है मगर किसी को भी इस बारे में नहीं पता था रंकित और साकेत हार नहीं मान रहे थे क्योकि उन्हें तो राजकुमारी को बचाना भी था इसलिए वह पूरी कोशिश कर रहे थे. यह सब कैसे होता है हम अपनी अगली कहानी में पढ़ सकते है. अगली कहानी को पढ़ने के लिए आप लिंक पर क्लिक कर सकते है. यह सभी कहानी आपको कैसी लगी है. हमे जरूर बताये, 

 रेगिस्तान का सफर कहानी अगला भाग-5

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Read More Hindi Story :-

1-रेगिस्तान का सफर कहानी भाग एक

2-रेगिस्तान का सफर कहानी भाग दो

3-रेगिस्तान का सफर कहानी भाग तीन

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