दादी माँ की दो हिंदी कहानी, dadi ki kahani

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Dadi ki kahani | Dadi maa ki kahani

Dadi ki kahani, दादी एक कहानी सुनाती है जिससे सभी को ज्ञान की बातें सीखने को मिलती है, यह कहानी आपको पसंद आएगी, इस बार की कहानी बहुत विचित्र कहानी है, दादी बच्चों को एक नयी कहानी फिर से सुनाती है, इस कहानी को सुनकर बच्चों को भी ऐसा लगता है की यह कहानी उन्हें बहुत अच्छी लगी है, दादी कहानी आरम्भ करती है

दादी माँ की दो हिंदी कहानी :- dadi ki kahani

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dadi ki kahani

यह कहानी एक छोटे से परिवार में रहने वाले जीवा की कहानी है, जीवा बहुत ही अच्छा लड़का था, पुरे गांव में जीवा जी ऐसा लड़का था जिसकी हर कोई तारीफ करता था, मगर जीवा को अपनी तारीफ सुनना अच्छा नहीं लगता था क्योकि वह ताओ सभी से यही कहता था की सभी अगर मदद करने की आदत आ जाए तो कभी कोई परेशानी नहीं होगी,  

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मगर यह सभी बाते सुननी में अच्छी लगती है कोई करने को तैयार नहीं रहता है, जीवा को ऐसा ही लगता है की हर आदमी सिर्फ अपनी ही मदद करता है अगर वह सभी की मदद करे तो बहुत अच्छा होगा, मगर ऐसा कोई करता नहीं है, लेकिन जीवा अपनी कोशिश कर रहा था शायद कुछ बदलाव आ जाएगा, उसे उम्मीद थी की सभी का जीवन बदल सकता है मगर यह कब होगा यह बात वह नहीं जनता था, एक दिन गांव में जीवा नहीं था वह किसी काम से गया था,

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ऐसा बहुत कम होता था की वह गांव से बाहर जाए मगर ऐसा हो गया था उसे कही जाना पड़ा था, गांव पर अचानक आयी मुसीबत का पता किसी को भी नहीं था, बच्चे खेलते हुए काफी दूर निकल आये थे किसी को भी कोई बच्चा नहीं मिल रहा था सभी को लगा था की इस बात का पता जीवा लगा सकता है सभी लोग जीवा के घर आये थे लेकिन जीवा नहीं था जीवा गांव में अकेला ही रहता था, आज वह नहीं था सभी को लगा कि अब उन्हें पूरी कोशिश करनी होगी, वह सभी बच्चों की तलाश में निकल गए थे, 

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उनकी तलाश पूरी नहीं हुई थी, तभी जीवा भी वापिस आ गया था जीवा को पता चल गया था की सभी लोग बच्चो की तलाश में गए हुए है, मगर कोई भी यह बात नहीं जनता था की वह बच्चों को किस जगह पर तलाश कर पाए क्योकि वह यह भी नहीं जानते थे की बच्चे किस जगह पर खेलते है, लेकिन जीवा इस बता को जनता था इसलिए जीवा सही जगह पर देखता हुआ आगे बढ़ रहा था सभी लोग खोजकर वापिस आ गए थे, उन्हें कोई भी नहीं मिला रहा था, वह सभी दुखी मन से घर आ गए थे,

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लेकिन जीवा अभी तक नहीं आया था जीवा बच्चों को देखता हुआ जंगल की और निकल गया था और उसे सभी बच्चे नज़र आ गए थे वह सभी डरे हुए लग रहे थे, लेकिन जीवा उन्हें अपने साथ ले गया था, सभी बच्चे घर आ गए थे उन्हें आते हुए देख सभी लोग खुश हो गए थे, सभी बच्चे घर आ गए थे,  जीवा घर आया तो सभी से कहा की आपको यह भी पता नहीं था की बच्चे किस जगह को पसंद करते है क्योकि आप सभी अपने काम को ही अहमियत देते है जबकि सभी का ध्यान रखना बहुत जरुरी होता है

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जीवा की बात सुनकर सभी लोगो को अब पता चल गया था की जीवा ठीक कहता है वह सभी की मदद इसलिए कर पाता है क्योकि वह सभी का बहुत ध्यान रखता है उसके बाद सभी लोग जीवा की कही बातो का ध्यान रखने लगे थे, इसलिए जीवा की कहि बातो को जीवन में जरूर अपनाना चाहिए दादी की कहानी सुनकर सभी बच्चे बहुत खुश हो गए थे, एक विचित्र कहानी, dadi ki kahani, (dadi maa ki kahani) अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो आप इसे शेयर जरूर कर सकते है

दादी और पोते की हिंदी कहानी :- dadi ki kahani

जब दादी ने देखा की उसका पोता बहुत आलस कर रहा है. तो दादी कहती है. तुम्हे आलस नहीं करना चाहिए क्योकि यह आलस अच्छा नहीं होता है. मगर पोता कहता है की मुझे कोई काम अच्छा नहीं लगता है जब भी कोई काम करता हु बहुत जल्द ही बोर हो जाता हु. यह सुनकर दादी कहती है. अगर तुम यही सोचते रहे तो एक दिन कुछ भी नहीं कर सकते हो. तुम्हे कोई काम करना ही होगा.

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मगर पोता कुछ भी करने को तैयार नहीं होता है

अब दादी को लगता है की मुझे अपने पोते को समझाना चाहिए.

इसलिए दादी पोते से कहती है. आज के बाद तुम्हे कोई पैसा नहीं मिलने वाला है.

क्योकि अगर तुम यह पैसा काम नहीं सकते है तो खर्च भी नहीं कर सकते हो.

यह सुनकर पोते को बुरा जरूर लगता है क्योकि दादी ने उसे पैसे नहीं दिए है.

इसलिए वह घर से दूर जाकर बैठ जाता है.

क्योकि आज उसे अपनी दादी की बात अच्छी नहीं लगी थी.

उसे परेशान देखकर एक आदमी जोकि उसे जानता था.

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वह उसके पास आता है. वह कहता है की तुम बहुत उदास लग रहे हो. वह कहता है की आज दादी ने मुझे पैसे देने से मना कर दिए है. यह सुनकर वह आदमी कहता है की अब मुझे बात समझ आयी है. देखो जीवन में अगर तुम अपने काम पर ध्यान देते हो. तो तुम्हे कोई समस्या नहीं आती है. मगर तुम काम करने में आलास करते हो. तो आज का आलस कल तुम्हारे लिए समस्या बन सकता है. इसलिए दादी ने तुम्हे समझाया है. अगर तुम धन कमा सकते हो. तो तुम्हे धन कीमत का पता चल सकता है. उस समय वह उस आदमी की बात समझ गया था.

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अब वह दादी के पास आता है. वह कहता है की आप सही कहती है. मुझे पता है. आप मेरे भले के लिए सोचती है. आज के बाद में आलस से दूर रहने की कोशिश करूँगा. यह सुनकर दादी बहुत खुश होती है. क्योकि वह उसे समझाना चाहती है. जबकि वह समझ गया है. तो कोई समस्या नहीं है. इसलिए जीवन में जो भी हमारे बड़े सोचते है. उन्हें हमारे लिए भलाई होती है. अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है. शेयर जरूर करे.

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