भूत होने का डर कहानी, bhoot pret kahani

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Bhoot pret kahani

Bhoot pret kahani, यह कहानी एक ऐसे आदमी की है जिसकी और कोई भी ध्यान नहीं देता था, इसलिए वह सभी से नाराज ही रहता था, मगर यह सही नहीं था, कुछ समय बाद सभी का दिमाग इसी और चला गया था, सबका यही ख्याल था, की आज के बाद वह वापिस नहीं आएगा, मगर कोई नहीं जनता था की ऐसा हो नहीं सकता था,

भूत होने का डर कहानी :- Bhoot pret kahani

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bhoot pret kahani

सभी को जब यह पता चला की वह वापिस आ गया है तो कोई भी अब बहार नहीं निकल रहा था, रात होते ही सब घर में ही रहते थे, क्योकि उन्हें डर था की वह बहार की घूम रहा है, यह सब कुछ बहुत साल पहले शरू हुआ था, एक आदमी की कहानी थी है, वह हर रोज पागल की तरह घुमा करता था कोई भी उससे बात नहीं करता था, सभी को लगता था, की अगर इससे बात करते है तो यह कभी भी बुरा मान सकता है,

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यही कारण था, की कोई भी बात नहीं करता था, एक दिन ऐसा हुआ था की वह पागल आदमी भागता हुआ जा रहा था पता नहीं कहा जा रहा था अचानक ही वह नदी में गिर गया था उसके बाद उसका कभी पता नहीं चला था इस बात को बहुत साल बीत गए थे, सभी लगभग भूल भी गए थे, क्योकि कोई भी उस पर ध्यान नहीं देता था, मगर एक दिन कुछ ऐसा हुआ था, जिसके बारे में किसी को कुछ भी नहीं पता था, गांव में एक आदमी रहता था,

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उसने कुछ ऐसा बताया था जिस पर यकीन नहीं हुआ था, उसने कहा की मेने उस पागल को देखा था, जब में जंगल से वापिस आ रहा था तभी मेरी नज़र उस पर गयी थी मगर यह कैसे हो सकता है में भी यही सोच रहा था मगर वह पेड़ के ऊपर बैठा था उसे देखकर बहुत डर भी लग रहा था उससे मेने कहा की निचे आ जा नहीं तो गिर जाएगा, मगर वह किसी की भी बात पर ध्यान नहीं दे रहा था शायद उसने किसी की बात सुनी नहीं थी, में वहा से वापिस आ गया था,

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मगर मेरी नज़र जब पीछे गयी तो वह पेड़ से निचे अचानक ही आ गया था

वह बहुत उचाई पर बैठा था, अचानक ही वह तेजी से नीचे कैसे आया था,

कुछ समझ नहीं आ रहा था, मेने सोचा की यह पागल है कुछ भी कर सकता है

इसलिए ध्यान नहीं दिया था और आगे बढ़ गया था

मगर वह पीछे आ रहा था कुछ कहना भी ठीक नहीं था,

क्योकि उससे बात कारण भी डरा देता था तभी जब पीछे देखा की वह आ रहा है

या नहीं तो उसे देखकर बहुत डर लग रहा था

क्योकि वह चल नहीं रहा था

बल्कि उड़ रहा था यह कैसे हो सकता है 

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यह सब देखकर वहा से भाग आया था उसकी बात सुनकर सभी लोग डर चुके थे उन्हें ऐसा लगता था की अब वह हमसे बदला भी ले सकता है क्योकि हम उसकी बात पर ध्यान नहीं देते थे उसे ऐसा देखकर तो बहुत डर लग रहा है सभी ने जब उसे आते देखा तो वहा से भाग गए थे उसका डर चारो और फैल चूका था, सभी को अब बहुत डर लग रहा था पता नहीं क्या हुआ था कुछ दिन तक सभी अपने घर में ही रहे थे जब कोई बहार जाता था तो उसे ऐसा लगता था की वह उन्हें पकड़ सकता है

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मगर यह कुछ दिन तक चला था मगर कुछ समय बाद पता नहीं वह कहा चला गया था फिर कभी दुबारा नज़र नहीं आया था उसे किसी ने भी नहीं देखा था, पता नहीं वह कहा से आया था और कहा चला गया था शायद वह नुक्सान नहीं पहुंचना चाहता था, मगर एक बात यह थी की उन्हें ऐसा नहीं कारण चाहिए था वह उससे बात नहीं करते थे जबकि ऐसा नहीं कारण चाहिए था, भूत होने का डर कहानी, bhoot pret kahani, आपको यह कहानी कैसी लगी है हमे जरूर बताये, 

एक परछाई का डर हिंदी कहानी :- bhoot pret kahani

वह लड़का उस परछाई को देखकर डर गया था. क्योकि वह उसे बहुत बड़ी नज़र आती है. उस जगह पर कोई नहीं था. मगर उस दिवार पर आने वाली परछाई किसी पेड़ की नहीं थी. वह किसी भूत की थी. पहले तो वह उसे देखता है क्योकि उसे लगता है की यह परछाई किसी पेड़ या मकान की हो सकती है. मगर पास में कोई पेड़ नहीं था. जब वह उसे देखता है तो बहुत डर जाता है.

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क्योकि उस परछाई के हाथ और पैर नज़र आते है. वह उस लड़के की और इशारा करते है. मानो उसे बुला रहे हो. वह भागकर छुप जाता है. वह उसे देखता है उसके जाने का इंतज़ार करता है. मगर वह परछाई धीरे धीरे उसकी और आ रही थी. वह अब समझ गया था. यह उसका वहम नहीं था. यह अपर जो भी हो रहा था. वह सच में हो रहा था. वह भागता है. अब उसे बचने का तरीका यही था. वह भागकर यह से दूर जा सकता है. वह बहुत दूर अपने घर पहुंच गया था. घर जाकर उसने दरवाजा बंद कर दिया था.

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bhoot pret kahani, उसके बाद अपने माता पिता को सब कुछ बता दिया था. वह सभी उसकी बात पर यकीन कर रहे थे. क्योकि वह बहुत डरा हुआ लग रहा था. यह डर उस परछाई के भूत का था. वह सभी खिड़की से देखते है. मगर कुछ नज़र नहीं आता है. शायद वह परछाई उस जगह पर ही रह गयी थी. लेकिन अब उसे समझ आ गया था. यह परछाई का भूत सच में था. अब वह बहुत दिन तक रात में उस जगह से नहीं जाता था. उसे आज भी डर लगता है अगर वह उस जगह पर जाता है तो शायद वह परछाई नज़र आ सकती है. यह घटना उसके मन में आज भी है.

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