रात की आवाज का डर कहानी, ghost stories hindi

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Ghost stories hindi

Ghost stories in hindi, यह कहानी रात का डर है, क्योकि उस रात जो हुआ था वह कभी भी नहीं भूल पाया था, यह बात जब भी याद आती है तो आवाज याद आती है, यह कहानी आपको पसंद आएगी, यह बात जब भी याद आती है, तो बहुत डर लगता है, क्योकि वह रात की आवाज सुनकर मेरे अंदर एक डर लगना शरू होता है, यह रात का समय सर्दिया का था, 

रात की आवाज का डर कहानी :- Ghost stories in hindi

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उस समय बहुत ज्यादा ठण्ड पड़ रही थी, इतनी ठंड में बहार निकलना बहुत मुश्किल था, मगर जब रात को फ़ोन आया की आज किसी अंकल का लड़का आने वाला है, वह पहली बात हमारे शहर आ रहा था, इसलिए रात के समय उसे रास्ता मिलना भी बहुत मुश्किल हो सकता था, इसलिए सोचा की उसे लेकर आना है,

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उसका फ़ोन आते ही पता चल गया था की अभी वह आधे घंटे में आ जाएगा, इसलिए सोचा की समय से निकल जाता हु, अगर वह समय से पहले आ गया तो कुछ भी पता नहीं चल पायेगा, मगर उसे कहा तो है की वही पर रहना वह कही भी नहीं जाएगा, मुझे निकल जाना चाहिए, उसे लेने के लिए में पैदल ही चला गया था, क्योकि हमारे घर से वह रास्ता दस मिनट का था, सोचा की बात करते हुए आ जाएंगे, अभी ज्यादा रात नहीं हुई थी, मगर सर्दियों में रात जल्दी ही हो जाती है, इसलिए ऐसा लग रहा था की रात बहुत हो चुकी है,

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मगर सही में अभी समय रात के आठ ही बजे थे, कोई ज्यादा समय नहीं हुआ था,

उसे लेने के चला गया था, रस्ते से जा रहा था,

यह रास्ता पांच मिनट तक सुनसान ही रहता था

क्योकि वहा से ज्यादा लोग नहीं जाते थे,

हम यह कह सकते है की यह रास्ता शॉर्टकट भी था

जिससे आसानी से पहुंचा जा सकता था.

 

इसलिए किसी भी वहां की जरूरत नहीं थी, अगर किसी वहां की जरूरत होती है

तो हमे घूमकर जाना पड़ता है, इसलिए वहा से जाने से अच्छा है हम शॉर्टकट से जाए,

जब रस्ते से जा रहा था तभी एक आवाज सुनाई दी थी, यह आवाज साफ़ नहीं थी,

इसलिए ज्यादा ध्यान नहीं दिया था, आगे की और बढ़ने लगा था,

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कुछ देर बाद फिर से आवाज आयी थी, इस बार रुक गया था और देखने लगा की कौन है

मगर कोई नज़र नहीं आ रहा था, उस रस्ते पर कोई जाता भी नहीं है

मगर यह भी हो सकता है की कोई मदद के लिए बुला रहा हो,

वह कौन हो सकता है, कौन मुझे बुला रहा है,

लेकिन वह कहा पर छुपा हुआ है,

या तो वह मुझे डरा रहा है जिससे मुझे डर लगे,

 

तभी सोचा की जब तक नज़र नहीं आएगा तब तक यही पर रुकता हु,

मगर कोई भी नहीं बोला था यह कौन हो सकता है, जो मुझे बार-बार बुला रहा है,

जब तक रुका हुआ था कुछ नहीं हुआ था जब चलने लगा तो फिर से आवाज आयी थी,

यह आवाज किसकी है, वह मुझसे क्या चाहता है कुछ पता नहीं लग रहा है,

क्या किया जाए, उधर इस तरह देर भी हो रही थी, मुझे चलना चाहिए,

उसकी और ध्यान नहीं दिया और आगे बढ़ने लगा क्योकि समय हो चूका था,

वह भी आता ही होगा,

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जब में वहा पर पहुंचा तो वह आ चूका था, वह कहने लगा की समय पर आ गए हो, मुझे तो लग रहा था, की शायद तुम देरी से आओगे, चलो अब घर चलते है, हम दोनों साथ में घर की और चल दिए थे जब वह रास्ता आया तो वह लड़का कहने लगा की यह रास्ता तो बहुत डरावना लगता है तुम्हे डर नहीं लग रहा है मेने कहा की नहीं तो, यहां पर डर केसा, वह लड़का कहने लगा की यह रास्ता डरावना लगता है क्योकि यहां पर कोई भी नहीं है,

 

यहां से कोई आता भी नहीं है, मुझे लगता है की यहां से कभी भी नहीं आना चाहिए तभी एक आवाज फिर से आती है, वह लड़का कहता है की कोई बुला रहा है मेने कहा की ध्यान मत दो, घर चलते है, वह लड़का कहने लगा की तुम भी अजीब हो कोई आवाज लगा रहा है और तुम जाने को कह रहे हो, क्या बात है, तुम्हे पता है की कोई है, मेने कहा की मुझे भी पता नहीं है मगर जब में तुम्हे लेने आ रहा था, तभी वह आवाज सुनाई दी थी, लेकिन कोई नज़र नहीं आया था इसलिए मेने ध्यान नहीं दिया था,

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उसके बाद फिर से आवाज लगा रहा है मगर मुझे पता नहीं है और पता करना भी नहीं चाहता हु, हो सकता है, की वह हमे डरा रहा है इसलिए ध्यान मत दो, आगे की और की बढ़ते रहो, वह आवाज फिर आयी और उसने कहा की अब तुम किसी को साथ में लाये हो, दोनों यह सुनकर रुक गए थे उन्हें लगा की यह तो हमारे पीछे से आवाज आयी है इसका मतलब वह पीछे है, जब पीछे देखा तो कोई भी नहीं था, यार यह क्या हो रहा है, कुछ पता नहीं चल रहा है 

 

हमे कुछ सोचना नहीं है हमे यहां से भागना चाहिए क्योकि नज़र भी नहीं आ रहा है और वह हमारे पीछे भी आ सकता है हम दोनों वहा से भाग आये थे लेकिन हर बार उसकी आवाज हमे सुनाई देती है जब भी उस रस्ते से आते है लेकिन कोई नज़र नहीं आता है, ऐसा क्यों होता है कुछ पता नहीं चल रहा है उस दिन के बाद वह लड़का दुबारा हमारे घर नहीं आया था मगर यह आवाज किसकी है कौन बुलाता है कुछ पता नहीं है मगर ऐसा लगता है की दुनिया में जरूर ऐसा है जिसके बारे में हमे ज्ञान नहीं है,

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कुछ लोग ऐसी बातो पर विश्वास करते है और कुछ नहीं, मगर सच यह है की जिसको पता है वही विश्वास करता है बाकी कोई भी नहीं, जब तक हम किसी को देखते नहीं है तब तक विश्वास होना थोड़ा मुश्किल होता ही है, रात की आवाज का डर कहानी, ghost stories hindi, अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी है तो आप शेयर कर सकते है और कमेंट करके हमे भी बता सकते है.

परछाई की भूत कहानी :- ghost stories hindi

यह कहानी एक परछाई की है. वैसे यह परछाई सभी को नज़र नहीं आती थी. मगर एक दिन की बात है. वह किसान अपने खेत में पानी दे रहा था. वह सोचता रात हो रही है. इसलिए अगर वह घर जाता है. तो कोई फायदा नहीं होगा. इसलिए उसे आज यह काम पूरा कर लेना है. जब उसे प्यास लगती है. वह नदी के पास जाता है. नदी के पास जाकर उसे लगता है. कोई उसके पास खड़ा है. उसे महसूस होता है.

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लेकिन कोई नज़र नहीं आता है. वह पानी पीने लगता है. उसके बाद वह अपने खेत पर जाने लगता है. मगर उसे एक परछाई नज़र आती है. यह कौन है. उसे साफ साफ़ नज़र आ रहा था. मगर वह सोच रहा था. यह कोई भूत हो सकता है. क्योकि इसके पार देखा जा रहा था. वह किसान कुछ नहीं कहता है. वह अपनी समझदारी से काम लेता है. क्योकि अगर वह परछाई को यह बात जता देता है. उसने उसे देखा है. तो शायद वह उस पर हमला कर सकती है. वह अपने खेत पर नहीं जाता है.

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ghost stories hindi, सीधे घर जाता है. क्योकि अब उस जगह पर रुकना ठीक नहीं था. वह घर आता है. वह देखता है की वह परछाई उसका पीछा तो नहीं कर रही है. मगर ऐसा कुछ नहीं था. अगली सुबह वह सब को यह बात कहता है मगर कुछ लोग यकीन नहीं करते है. उन्होंने ऐसा कुछ नहीं देखा था. मगर वह जानता था. आज उसने किसी को देखा था. इसलिए कहते है. की जीवन में कुछ भी हो सकता है. यह बात हम पर निर्भर करती है. हम उसे देख पाते नहीं है.

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