भानगढ़ किले की कहानी, bhangarh story in hindi

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Bhangarh story in hindi

भानगढ़ किले की हिंदी कहानी (bhangarh story in hindi) बहुत ही अजीब है, वहा के किस्से भी सुनकर ऐसा लगता है की शायद वहा पर भूत होने की सम्भावना है, यहां bhangarh story in hindi पर  किले के बारे में जानकारी दे रहे है, आपको यह की जानकारी अच्छी लगेगी,

भानगढ़ किले की हिंदी कहानी :- Bhangarh story in hindi 

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bhangarh story in hindi

भानगढ़ के किले के किस्से बहुत से लोग जानते हैं भानगढ़ के किले में ऐसा कुछ हुआ था जिसके होने के बाद कुछ लोग भूतों पर विश्वास करने लग गए थे जब भी लोगों के सामने भानगढ़ की चर्चा होती है तो कुछ लोग उसकी चर्चा सुनते ही डरने लगते हैं भानगढ़ का किला राजस्थान के अलवर जिले में है और कुछ लोग तो इसे भानगढ़ का भूत भी कहते हैं

 

भानगढ़ की किले के पीछे कुछ रहस्यमई बातें हैं जिनसे पता चलता है कि भानगढ़ में भूत होने की संभावना है भानगढ़ के पुरातत्व विभाग ने अपने ऑफिस भी भानगढ़ किले से काफी दूर बनाए हैं जिससे यह पता चलता है कि यहां पर भूतों का डेरा हो सकता है इस भानगढ़ के किले के पीछे भी एक रहस्यमई बात यह है कि भानगढ़ की राजकुमारी रत्नावती जिसकी उम्र 18 साल थी वह काफी सुंदर थी और उससे विवाह करने के लिए बहुत से राजकुमार इच्छुक थे

 

राजकुमारी के लिए बहुत से राज्यों से विवाह के प्रस्ताव भी आ रहे थे उसी बीच रत्नावली अपनी कुछ सहेलियों के साथ बाजार में निकल गई रत्नावली वहां पर एक दुकान पर पहुंची और वहां से एक इत्र लिया और उसे अपने हाथों में लेकर उसकी खुशबू को ले रही थी तभी कुछ दूरी पर स्थित एक आदमी उस राजकुमारी को देख रहा था वह भी उसी राज्य में रहता था उस आदमी के बारे में बताया जाता है कि वह काले जादू में बहुत ही माहिर था

 

उस आदमी का नाम सिंधु सेवड़ा था राजकुमारी को देखकर वह व्यक्ति अपने मन में उसे विवाह करने के लिए सोचने लगा वह व्यक्ति यह सोच रहा था कि कुछ भी हो जाए मुझे राजकुमारी से ही शादी करनी है और उसने राजकुमारी का पसंद किया हुआ इत्र में कुछ जादू कर दिया था लेकिन जब यह बात राजकुमारी को पता चली तो उसके बाद राजकुमारी ने वह इत्र की शीशी एक पत्थर पर उठाकर पटक दी जिससे कि शीशी उस पत्थर पर जाकर टूट गई और सारा इधर उसी पत्थर पर बिखर गया कुछ देर बाद ही वह पत्थर चलता हुआ उस सिंधु सेवड़ा के पीछे चल पड़ा और उसे पत्थर के नीचे दबा कर मार दिया जिसके बाद सिंधु सेवड़ा वहीं पर मर गया

 

लेकिन जैसे ही सिंधु सेवड़ा मर रहा था तभी उसने कहा कि इस किले मैं रहने वाला कोई भी व्यक्ति जिंदा नहीं रहेगा और वह कभी भी दूसरा जन्म नहीं ले पाएंगे उनकी आत्मा इस किले में भटकती रहेगी ऐसा श्राप देकर सिंधु सेवड़ा मर गया कुछ दिनों बाद भानगढ़ और अजबगढ़ के बीच की युद्ध छिड़ गया और सारे लोग वहीं पर मारे गए और राजकुमारी रत्ना वाली भी वहीं पर मर गई

 

उसके बाद लोगों का कहना है कि इस किले मैं आज भी आत्माएं घूमती है और वही आत्माएं उस मैं दूसरों को नजर आती हैं जिसके कारण उस किले में कोई भी आने की चेष्टा नहीं करता है सभी लोग भानगढ़ के किले से दूर रहते हैं और यही कारण है कि भानगढ़ के किले में आज भी भूत हैं इसी वजह से सभी लोग इस बात को मानते हैं

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